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शब्द का अर्थ
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संक्षिप्त :
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वि० [सं०√ क्षिप् (फेंकना)+क्त] १. ढेर के रूप में आया या लगाया हुआ। २. जो संक्षेप में कहा या लिखा गया हो। ३. (लेख, पुस्तक आदि का वह रूप) जिसमें कुछ बातें घटाकर उसका रूप छोटा कर दिया गया हो। ४. (शब्द आदि का रूप) जो लघु हो। |
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समानार्थी शब्द-
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संक्षिप्तक :
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पुं० [सं० संक्षिप्त] शब्द या पद का संक्षिप्त रूप या संकेत चिन्ह। (एब्रिविएशन)। |
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संक्षिप्त-लिपि :
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स्त्री० [सं० कर्म० स०] एक प्रकार की लेखन प्रणाली जिसमें ध्वनियों के सूचक अक्षरों या वर्णों के स्थान पर छोटी रेखाओं, बिन्दुओं आदि का प्रयोग करके लिपि का रूप बहुत संक्षिप्त कर दिया जाता है (शार्ट हैन्ड)। विशेष—इसमें लिपि उतनी ही जल्दी लिखी जाती है, जितनी जल्दी आदमी बोलता चलता है। |
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संक्षिप्ता :
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स्त्री० [सं० संक्षिप्त—टाप्] ज्योतिष में बुध ग्रह की एक प्रकार की गति। |
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संक्षिप्ति :
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स्त्री० [सं० सम्√ क्षिप् (संक्षिप्त करना)+क्तिन्] नाटक में चार प्रकार की आरभटियों में से एक। |
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