शब्द का अर्थ खोजें

शब्द का अर्थ

बाजी  : स्त्री० [फा० बाजी] १. किसी प्रकार की घटना के अनिश्चित परिणाम के प्रसंग में दो या अधिक पक्षों में होनेवाला पारस्परिक निश्चय कि जो पक्ष हार जायगा, उसे जीतनेवाले को उतना धन देना पड़ेगा, अथवा अपनी हार का सूचक अमुक काम करना पड़ेगा। खेलों या लाग-डाँटवली बातों के संबंध में लगाई जानेवाली ऐसी शर्त जिसके अनुसार हार-जीत के साथ कुछ लेना-देना भी पड़ता हो अथवा पुरस्कार भी मिलता हो। बदान। सर्त। २. इस प्रकार होनेवाला लेनदेन या मिलनेवाला पुरस्कार।क्रि० प्र०—जीतना।—बदना।—लगना।—लगाना।—हराना। मुहावरा—बाजी मारना=बाजी जीतना। बाजी के जाना=बाजी जीतना। ३. प्रत्येक बार आदि से अंत तक होनेवाला कोई ऐसा खेल जिसमें हार-जीत के भाव की प्रधानता हो। जैसे—आओ दो बाजी ताश (या शतरंज) हो जाय। क्रि० प्र०—जीतना।—हारना। ४. उक्त प्रकार के खेलों में प्रत्येक खिलाड़ी या दल के खेलने की पारी या बारी। दाँव। स्त्री० [फा० बाज का भाव] १. ‘बाज’ होने की अवस्था या भाव। २. किसी काम या बात के व्यसनी या शौकीन होने की अवस्था या भाव। जैसे—कबूतरबाजी, पतंगबाजी। ३. किसी प्रकार की क्रिया कु समय तक होते रहने का भाव। जैसे—दोनों में कुछ देर तक खूब घूँसेबाजी हुई। पुं० [सं० वाजिन्] घोड़ा। पुं० [हिं० बाजा] वह जो बाजा बजाने का काम करता हो। बजनिया।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बाजीगर  : पुं० [फा० बाजीगर] [भाव० बाजीगरी] जादू के खेल करनेवाला। जादूगर। ऐंद्रजालिक।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
लौटें            मुख पृष्ठ
 

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai