शब्द का अर्थ खोजें

शब्द का अर्थ

फंदा  : पुं० [सं० पाश या बंधन] १. रस्सी आदि में एक विशेष प्रकार की गाँठ लगाकर बनाया जानेवाला घेरा जो किसी को फँसाकर रखने या बाँधने केकाम आता है। जैसे—(क) कुएँ से पानी निकालने के समय घड़े के गले में लगाया जानेवाला फंदा। (ख) फाँसी पर लटकाने के लिए अभियुक्त के गले में डाला जानेवाला उक्त प्रकार का घेरा। क्रि० प्र०—देना।—बनाना।—लगाना। पद—फंदेदार। (दे०) २. कोई ऐसी कपटपूर्ण बात या योजना जिसका मुख्य उद्देश्य किसी को फँसाना होता है। ३. रस्सियों आदि का बुना हुआ जाल। मुहावरा—फंदा लगाना=किसी को फँसाने के लिए छलपूर्ण आयोजन या युक्ति करना। (किसी के) फंदे में पड़ना या फँसना=किसी के जाल या धोखे में फँसना। ४. कोई ऐसी बात जिसमें पड़कर मनुष्य विवश हो जाता और कष्ट भोगता हो। ५. कुछ खाने या पीने के समय, अचानक हँसने आदि के कारण खाद्य या पेय पदार्थ का गले में इस प्रकार अटक या रुक जाना कि आदमी बोल न सके। उदाहरण—किसी ने रूमाल में हँसी रोकी तो किसी के गले मे चाय का फंदा पड़ गया। अजीम बेग चगताई।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
फँदाना  : स० [हिं० फंदना] ऐसा काम करना जिससे कोई फंदे में जा फँसे। स० [हिं० फाँदना] किसी को फाँदने में प्रवृत्त करना। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
फँदावना  : स०=फँदाना। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
लौटें            मुख पृष्ठ
 

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai