शब्द का अर्थ खोजें
शब्द का अर्थ
|
प्रस्तर :
|
पुं० [सं० प्र√स्तृ (फैलाना)+अच्] १. पत्थर। २. सम-तल स्थान। ३. कुश या डाभ का पूला। ४. पत्तों आदि का आसन या बिछावन। ५. बिछौना। बिस्तर। ६. चमड़े की थैली। ७. संगीत में, एक प्रकार का ताल। ८. दे० ‘प्रस्तर’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रस्तर कला :
|
स्त्री० [ष० त०] पत्थरों को काट-छाँट या गढ़कर उनकी विशिष्ट आकृतियों बनाने और उन पर ओप आदि लाने की कला या विद्या। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रस्तरण :
|
पुं० [सं० प्र√स्तृ+ल्युट्—अन] १. बिछाना। फैलाना। २. बिछावन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रस्तरणी :
|
स्त्री० [सं० प्रस्तरण+ङीप्] १. श्वेत दूर्वा। २. गोजिह्वा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रस्तरभेद :
|
पुं० [ष० त०] पाषाण भेद। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रस्तर मुद्रण :
|
पुं० [तृ० त०] छापे या मुद्रण का वह प्रकार जिसमें छापे जानेवाले लेख आदि पहले एक विशेष प्रकार से तैयार किये हुए कागज पर लिखकर तब एक विशेष प्रकार के पत्थर पर उतारे और तब छापे जाते हैं। (लीथोग्राफ) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रस्तरोपल :
|
पुं० [सं० प्रस्तर-उपल, मयू० स०] चंद्रकांत मणि। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
|
|
|
|
A PHP Error was encountered
Severity: Notice
Message: Undefined index: mxx
Filename: partials/footer.php
Line Number: 7
hellothai