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शब्द का अर्थ
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प्रक्रम :
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पुं० [सं० प्र√क्रम् (गति)+घञ्] १. क्रम। सिलसिला। २. अतिक्रमण। उल्लंघन। ३. वह उपाय या योजना जो कोई कार्य आरम्भ करने से पहले की जाय। उपक्रम। ४. अवसर। मौका। ५. किसी प्रकार की प्रगति के क्रम या मार्ग के बीच-बीच में पड़नेवाली वे स्थितियाँ जो अलग-अलग अंगों या विभागों के रूप में होती हैं; और जिनके उपरांत कोई नया क्रम आरम्भ होता है। मंजिल। (स्टेज) ६. किसी कार्य की सिद्धि में आदि से अंत तक होनेवाली वे आवश्यक बातें जिनसे वह काम आगे बढ़ता है। ७. कोई चीज बनाने या माल तैयार करने की सारी क्रियाएँ। प्रक्रिया। (प्रोसेस) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रक्रमण :
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पुं० [सं० प्र√क्रम्+ल्युट्—अन] १. अच्छी तरह घूमना। खूब भ्रमण करना। २. आगे बढ़ना। ३. पार करना। ४. आरम्भ करना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रक्रम-भंग :
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पुं० [सं० ष० त०] साहित्य में पहले कुछ बातें एक क्रम से कहना और तब उनसे संबद्ध कुछ दूसरी बातें किसी दूसरे क्रम से कहना जो एक दोष माना गया है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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