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तैयार  : वि० [अ० तय्यार] १. जो कुछ करने के लिए हर तरह से उद्यत, तत्पर या प्रस्तुत हो चुका हो। जैसे–चलने को तैयार। २. जो हर तरह से उपयुक्त ठीक या दुरुस्त हो चुका हो। जिसमें कोई कोरकसर न रह गई हो। जैसे–भोजन (या मकान) तैयार होना। ३. समाने आया, रखा या लाया हुआ। उपस्थित, प्रस्तुत, मौजूद। जैसे–जितनी पुस्तकें तैयार हैं वे सब ले लो। ४. (शरीर) जो हर तरह से स्वस्थ और हृष्ट-पुष्ट हो। जैसे–इधर कुछ दिनों से उसका बदन खूब तैयार हो रहा था। ५. (काम करने के लिए हाथ) जिसमे यथेष्ट अभ्यास के फलस्वरूप पूरा कौशल या दक्षता आ चुकी हो। जैसे–चित्र बनाने या तबला बजाने में हाथ तैयार होना। ६. (संगीत के क्षेत्र में कंठ या गला) जिससे सब तरह के खटके ताने, पलटें, मुरकियाँ आदि अनायास या सहज में और बहुत ही मधुर या सुन्दर रूप में निकलती हों। पूर्ण रूप से अभ्यस्त और कुशल। जैसे–इतना तैयार गला बहुत कम देखने में आता है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
तैयारी  : स्त्री० [फा० तय्यारी] १. तैयार होने की अवस्था, क्रिया या भाव। २. तत्परता। मुस्तैदी। ३. शरीर की अच्छी गठन और पुष्टता तथा स्वस्थता। ४. वैभव, सोभा, सौन्दर्य आदि दिखाने के लिए की जानेवाली धूम-धाम या सजावट। ५. संगीत कला की वह पटुता जो बहुत अधिक अभ्यास से आती है, जिसमें गवैया कठिन-कठिन तानें बहुत सहज में सुनाता है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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