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शब्द का अर्थ

टाँच  : स्त्री० [हिं० टाँचना] टाँचने की क्रिया या भाव। २. किसी चीज में लगाया जानेवाला टाँका। ३. कहीं टाँककर लगाई हुई वस्तु। ४. किसी चीज को काट या छीलकर ठीक करने की क्रिया या भाव। ५.किसी चीज में से काटकर निकाला हुआ अंश। ६. ऐसी उक्ति या कथन जिसके फलस्वरूप किसी का बना या होता हुआ काम बिगड़ जाय या न होने पाये। क्रि० वि०–मारना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
टाँचना  : स० [हिं० टाँकना] १. टाँका लगाना। टाँकना। २. काट या छीलकर किसी चीज को कोई रूप देना। ३. किसी चीज में से काटकर कुछ अंश निकाल लेना। ४. कोई उलटी-सीधी बात कहकर किसी के बनते या होते हुए काम में बाधा खड़ी करना। टाँच मारना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
टाँची  : स्त्री० [सं० टंक=रुपया] रुपए रखने की एक प्रकार की पतली लंबी थैली। बसनी। स्त्री=टाँच।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
टाँचु  : स्त्री०=टाँच।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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