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चपरास  : स्त्री० [हिं० चपरासी] १. धातु आदि का वह टुकड़ा जिसे पेटी या परतले में लगाकर अरदली, चौकीदार, सिपाही आदि पहनते हैं और जिस पर उनके मालिक, कार्यालय आदि के नाम खुदे या छपे रहते हैं। २. वह कलम जिसमें सुनार मुलम्मा करते हैं। ३. मालखंभ की एक कसरत जो दुबगली के समान होती है। दुबगली में पीठ पर से बेंत आता है इसमें छाती पर से आता है। ४. आरे आदि के दाँतों का दाहिनी या बाई ओर होनेवाला झुकाव। (बढ़इयों की परिभाषा) ५. कुरतों के मोढ़े पर की चौड़ी धज्जी या पट्टी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चपरासी  : पुं० [फा० चप=बायाँ+रास्तदाहिना] १. वह नौकर जो चपरास पहनकर अपने मालिक के सामने उसकी छोटी-मोटी सेवाएँ करने के लिए सदा उपस्थित रहता है। अरदली। जैसे–किसी अदालत या हाकिम का चपरासी। २. कार्यालय के कागज-पत्र आदि लाने या ले जानेवाला नौकर।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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