शब्द का अर्थ खोजें

शब्द का अर्थ

उद्ध  : अव्य० [सं० ऊर्द्घ, पा० उद्ध] ऊपर। वि०=ऊर्द्ध्व।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्धत  : वि० [सं० उद्√हन्+क्त] [भाव० उद्धतता] जो अपने उग्र क्रोधी या रूखे स्वभाव के कारण हेय आचरण या व्यवहार करता हो। अक्खड़। पुं० साहित्य में 40 मात्राओं का एक छंद।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्धतता  : स्त्री० [सं० उद्धत+तल्-टाप्] उद्धत होने की अवस्था या भाव। उद्धतपन। औद्धत्य।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्धत-दंडक  : पुं० [सं० ] विजया नामक मात्रिक छंद का वह प्रकार या भेद जिसके प्रत्येक चरण का अंत एक गुरु और एक लघु से होता है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्धतपन  : पुं० [सं० उद्धत+हिं० पन (प्रत्य)] उद्धत होने की अवस्था या भाव। उद्धतता।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्धति  : स्त्री० [सं० उद्√हन्+क्तिन्] =उद्धतता।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्धना  : अ० [सं० उद्धरण] १. उद्धार होना। २. ऊपर उठना या उड़ना। स० १. उद्धार करना। २. ऊपर उठना या उड़ना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्धरण  : पुं० [सं० उद्√हृ (हरण करना)+ल्युट-अन] [वि० उद्धरणीय, उदधृत] १. ऊपर उठाना। उद्धार करना। २. कष्ट,झंझट,संकट आदि से किसीको निकालना या मुक्ति दिलाना। छुटकारा। ३. किसी ग्रंथ लेख आदि से उदाहरण, प्रमाण, साक्षी आदि के रूप में लिया हुआ अंश। (कोटेशन) ४. अभ्यास के लिए पढ़े हुए पाठ को बार-बार दोहराना। उद्धरणी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्धरणी  : स्त्री० [सं० उद्धरण+हिं० ई (प्रत्यय)] १. पढ़ा हुआ पाठ अच्छी तरह याद करने के लिए फिर-फिर दोहराना या पढ़ना। २. कही आई या लिखी हुई कोई बात, घटना का विवरण आदि फिर से कह सुनाना। (रिसाइटल) ३. दे० ‘उद्धरण’।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्धरना  : स० [सं० उद्धरण] उद्धार करना। उबारना। अ० उद्धार होना। उबरना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्धर्ता (र्तृ)  : वि० [सं० उद्√हृ+तृच्] १. उद्धरणी करनेवाला। २. उद्धार करनेवाला। ३. उदाहरण, साक्षी आदि के रूप में कही से कोई उद्धरण लेनेवाला।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्धर्ष  : पुं० [सं० उद्√हष् (आनंदित होना)+घञ्] १. आनंद। प्रसन्नता।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्धर्षण  : पुं० [सं० उद्√हष्+ल्युट-अन] १. आनंदित या प्रसन्न करने की क्रिया या भाव। २. रोमांच। ३. उत्तेजना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्धव  : पुं० [सं० उद्√धू (कंपन)+अप्] १. उत्सव। २. यज्ञ की अग्नि। ३. कृष्ण के एक सखा और रिश्ते में मामा, जिन्हें उन्होंने द्वारका से व्रज की गोपियों को सांत्वना देने के लिए भेजा था। इनका दूसरा नाम देवश्रवा भी था।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्धव्य  : पुं० [सं० उद्√हु (दान, आदान)+यत्] बौद्ध शास्त्रानुसार दस क्लेशों में से एक।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्धस्त  : पुं० [सं० उद्-हस्त, प्रा० ब०] जो ऊपर की ओर हाथ उठाये या फैलायें हुए हो।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्धार  : पुं० [सं० उद्√धृ (धारण)+घञ्] १. नीचे से उठाकर ऊपर ले जाना। २. निम्न या हीन स्थिति से उठाकर उच्च या उन्नत स्थिति में ले जाना। ३. किसी को कष्ट, विपत्ति, संकट आदि से उबारना या निकालना। मुक्त करना। ४. ऋण देन आदि से मिलनेवाला छुटकारा। ५. संपत्ति का वह भाग जो बँटवारे से पहले किसी विशेष रीति से बाँटने के लिए अलग कर दिया जाए। ६. लड़ाई में लूट का छठा भाग जो राजा का अंश माना जाता था। ७. दे० ‘उधार’।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्धारक  : वि० [सं० उद्√धृ+ण्वुल्-अक] १. किसी का उद्धार करनेवाला। २. उधार लेनेवाला।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्धारण  : पुं० [सं० उद्√धृ+णिच्+ल्युट-अन] १. ऊपर उठाना। उत्थापन। २. उबारना। बचाना। ३. बँटवारा। ४. कोई पद, वाक्य या शब्द कहीं से जान-बूझकर या किसी उद्देश्य से निकाल या अलग कर देना। (डिलीशन)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्धारणिक  : पुं० [सं० उद्धारण+ठक्-इक] वह व्यक्ति जिसने किसी से रूपया उधार लिया हो। ऋण या कर्ज लेनेवाला। (बॉरोवर)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्धारना  : स० [सं० उद्धार] विपत्ति या संकट से अथवा निम्न या हीन स्थिति से निकालकर अच्छी स्थिति में लाना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्धार-विक्रय  : पुं० [सं० तृ० त०] उधार बेचना। (क्रेडिट सेल)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्धित  : भू० कृ० [सं० उद्√धा (धारण करना)+क्त] १. ऊपर उठाया हुआ। २. अच्छी तरह बैठाया या रखा हुआ। स्थापित।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्धृत  : भू० कृ० [सं० उद्√धृ (धारण)+क्त] १. ऊपर उठाया हुआ। २. (किसी का कथन लेख आदि) जो कही से लाकर उदाहरण, प्रमाण या साक्षी के रूप में प्रस्तुत किया गया हो।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्धृति  : स्त्री० [सं० उद्√धृ+क्तिन्] १. उद्धृत करने या होने की अवस्था, क्रिया या भाव। २. उद्धरण।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्ध्वंस  : पुं० [सं० उद्√ध्वंस (नाश)+घञ्] १. ध्वसं। नाश। २. महामारी। मरी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्ध्वस्त  : भू० कृ० [सं० उद्√ध्वंस+क्त] गिरा-पड़ा। तोड़-फोड़कर नष्ट किया हुआ। ध्वस्त।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्ध  : अव्य० [सं० ऊर्द्घ, पा० उद्ध] ऊपर। वि०=ऊर्द्ध्व।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्धत  : वि० [सं० उद्√हन्+क्त] [भाव० उद्धतता] जो अपने उग्र क्रोधी या रूखे स्वभाव के कारण हेय आचरण या व्यवहार करता हो। अक्खड़। पुं० साहित्य में 40 मात्राओं का एक छंद।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्धतता  : स्त्री० [सं० उद्धत+तल्-टाप्] उद्धत होने की अवस्था या भाव। उद्धतपन। औद्धत्य।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्धत-दंडक  : पुं० [सं० ] विजया नामक मात्रिक छंद का वह प्रकार या भेद जिसके प्रत्येक चरण का अंत एक गुरु और एक लघु से होता है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्धतपन  : पुं० [सं० उद्धत+हिं० पन (प्रत्य)] उद्धत होने की अवस्था या भाव। उद्धतता।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्धति  : स्त्री० [सं० उद्√हन्+क्तिन्] =उद्धतता।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्धना  : अ० [सं० उद्धरण] १. उद्धार होना। २. ऊपर उठना या उड़ना। स० १. उद्धार करना। २. ऊपर उठना या उड़ना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्धरण  : पुं० [सं० उद्√हृ (हरण करना)+ल्युट-अन] [वि० उद्धरणीय, उदधृत] १. ऊपर उठाना। उद्धार करना। २. कष्ट,झंझट,संकट आदि से किसीको निकालना या मुक्ति दिलाना। छुटकारा। ३. किसी ग्रंथ लेख आदि से उदाहरण, प्रमाण, साक्षी आदि के रूप में लिया हुआ अंश। (कोटेशन) ४. अभ्यास के लिए पढ़े हुए पाठ को बार-बार दोहराना। उद्धरणी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्धरणी  : स्त्री० [सं० उद्धरण+हिं० ई (प्रत्यय)] १. पढ़ा हुआ पाठ अच्छी तरह याद करने के लिए फिर-फिर दोहराना या पढ़ना। २. कही आई या लिखी हुई कोई बात, घटना का विवरण आदि फिर से कह सुनाना। (रिसाइटल) ३. दे० ‘उद्धरण’।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्धरना  : स० [सं० उद्धरण] उद्धार करना। उबारना। अ० उद्धार होना। उबरना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्धर्ता (र्तृ)  : वि० [सं० उद्√हृ+तृच्] १. उद्धरणी करनेवाला। २. उद्धार करनेवाला। ३. उदाहरण, साक्षी आदि के रूप में कही से कोई उद्धरण लेनेवाला।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्धर्ष  : पुं० [सं० उद्√हष् (आनंदित होना)+घञ्] १. आनंद। प्रसन्नता।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्धर्षण  : पुं० [सं० उद्√हष्+ल्युट-अन] १. आनंदित या प्रसन्न करने की क्रिया या भाव। २. रोमांच। ३. उत्तेजना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्धव  : पुं० [सं० उद्√धू (कंपन)+अप्] १. उत्सव। २. यज्ञ की अग्नि। ३. कृष्ण के एक सखा और रिश्ते में मामा, जिन्हें उन्होंने द्वारका से व्रज की गोपियों को सांत्वना देने के लिए भेजा था। इनका दूसरा नाम देवश्रवा भी था।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्धव्य  : पुं० [सं० उद्√हु (दान, आदान)+यत्] बौद्ध शास्त्रानुसार दस क्लेशों में से एक।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्धस्त  : पुं० [सं० उद्-हस्त, प्रा० ब०] जो ऊपर की ओर हाथ उठाये या फैलायें हुए हो।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्धार  : पुं० [सं० उद्√धृ (धारण)+घञ्] १. नीचे से उठाकर ऊपर ले जाना। २. निम्न या हीन स्थिति से उठाकर उच्च या उन्नत स्थिति में ले जाना। ३. किसी को कष्ट, विपत्ति, संकट आदि से उबारना या निकालना। मुक्त करना। ४. ऋण देन आदि से मिलनेवाला छुटकारा। ५. संपत्ति का वह भाग जो बँटवारे से पहले किसी विशेष रीति से बाँटने के लिए अलग कर दिया जाए। ६. लड़ाई में लूट का छठा भाग जो राजा का अंश माना जाता था। ७. दे० ‘उधार’।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्धारक  : वि० [सं० उद्√धृ+ण्वुल्-अक] १. किसी का उद्धार करनेवाला। २. उधार लेनेवाला।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्धारण  : पुं० [सं० उद्√धृ+णिच्+ल्युट-अन] १. ऊपर उठाना। उत्थापन। २. उबारना। बचाना। ३. बँटवारा। ४. कोई पद, वाक्य या शब्द कहीं से जान-बूझकर या किसी उद्देश्य से निकाल या अलग कर देना। (डिलीशन)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्धारणिक  : पुं० [सं० उद्धारण+ठक्-इक] वह व्यक्ति जिसने किसी से रूपया उधार लिया हो। ऋण या कर्ज लेनेवाला। (बॉरोवर)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्धारना  : स० [सं० उद्धार] विपत्ति या संकट से अथवा निम्न या हीन स्थिति से निकालकर अच्छी स्थिति में लाना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्धार-विक्रय  : पुं० [सं० तृ० त०] उधार बेचना। (क्रेडिट सेल)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्धित  : भू० कृ० [सं० उद्√धा (धारण करना)+क्त] १. ऊपर उठाया हुआ। २. अच्छी तरह बैठाया या रखा हुआ। स्थापित।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्धृत  : भू० कृ० [सं० उद्√धृ (धारण)+क्त] १. ऊपर उठाया हुआ। २. (किसी का कथन लेख आदि) जो कही से लाकर उदाहरण, प्रमाण या साक्षी के रूप में प्रस्तुत किया गया हो।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्धृति  : स्त्री० [सं० उद्√धृ+क्तिन्] १. उद्धृत करने या होने की अवस्था, क्रिया या भाव। २. उद्धरण।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्ध्वंस  : पुं० [सं० उद्√ध्वंस (नाश)+घञ्] १. ध्वसं। नाश। २. महामारी। मरी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्ध्वस्त  : भू० कृ० [सं० उद्√ध्वंस+क्त] गिरा-पड़ा। तोड़-फोड़कर नष्ट किया हुआ। ध्वस्त।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
लौटें            मुख पृष्ठ
 

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai