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शब्द का अर्थ
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मामला :
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पुं० [अ० मुआमिलः] १. आपस में मिलकर तै या निश्चित की हुई कोई ऐसी बात जिस पर अमल करना पड़े या जिसे कार्य-रूप में परिणत करना हो। २. आपस में होनेवाले काम, व्यवहार या व्यापार। जैसे—क्रय-विक्रय, लेन-देन आदि। मुहावरा—मामला बनाना=ऐसी स्थिति लाना जिसमें कोई काम पूरी तरह हो जाय। कार्य-सिद्धि की व्यवस्था करना। ३. उलझन या झगड़े का कोई ऐसा काम या बात जिसके संबंध में किसी प्रकार का आचरण, विचार या व्यवहार होने को हो या होना आवश्यक हो। प्रधान अथवा मुख्य बात या विषय। जैसे—आज-कल उनके सामने एक बहुत बड़ा मामला आ गया है। मुहावरा—मामला तै करना=उक्त प्रकार के काम के सम्बन्ध में बात-चीत करके निपटारा या निश्चय करना। मामला बनाना या साधना=विकट और विचारणीय विषय का संतोषजनक रूप मे निकाकरण करना। ४. आपस में पक्की या तै की हुई बात। निर्णीत और निश्चय किया हुआ तथ्य। ५. ऐसी विवादास्पद जिसके संबंध में विचार हो रहा हो या होने को हो। मुकदमा व्यवहार। जैसे—इधर वकील साहब ने कई बड़े-बड़े मामले जीते हैं। (मुहाव० के लिए दे० मुकदमा के मुहावरा) ६. युवती और सुन्दरी स्त्री। (बाजारू)। ७. स्त्री०-प्रसंग। मैथुन। सम्भोग। मुहावरा—मामला बनाना=पर-स्त्री के साथ मैथुन या सम्भोग करना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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