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प्रोसेसर

संपादकीय

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2022

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एक छोटी सी चिप, जो सिखाए जाने पर कई प्रकार के काम कर सकती है...

पिछली शताब्दी के मध्य में इलेक्ट्रॉनिक तकनीकों के विकास में गति आई। पहले अत्यंत उच्च विभव पर काम करने वाली कैथोड रे ट्यूब का प्रयोग करके यांत्रिक उपकरणों को इलेक्ट्ऱॉनिक उपकरणों में बदला गया, उसके पश्चात् सिलिकान डायोड, ट्रांजिस्टर और गेट आदि का प्रयोग करके निम्न विभव के सर्किटों के रूप में बनाया गया।

समय के साथ इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में और अधिक प्रगति हुई, इसी सिलसिले में सन् 1971 में जापान की निप्पन मशीन कार्पोरेशन ने अपने मशीन केलकुलेटर के लिए इंटेल कम्पनी से विशेष अनुरोध द्वारा एक विशेष प्रकार की चिप बनवाई। इंटेल के अभियंताओं ने इसके उत्तर में उन्हें एक ऐसी चिप बनाकर दी जिसे प्रोग्रामिंग द्वारा सिखाया जा सकता था। अर्थात् यह चिप न केवल वह विशेष काम कर सकती थी, बल्कि यह कई गुणों से सम्पन्न थी, यहाँ तक कि इसे नये काम सिखाए जा सकते थे। इस छोटी सी चिप का नाम था 4004। इंटेल की इस चिप ने प्रोग्रामिंग की दुनिया में क्रांति ला दी।

इंटेल 4004 कुछ गिनती के काम ही कर सकती थी, इसमें जानकारी ले जाने अथवा स्मृति में रखने की क्षमता भी बहुत अधिक नहीं थी। माइक्रोप्रोसेसर के काम करने की क्षमता मोटे तौर पर तीन बातों पर निर्भर करती है। इंटेल 4004 की कार्यक्षमता को निम्न गुणों से समझा जा सकता है।

डाटा विथ - 4 बिट
मेमोरी विथ - 8 बिट
आवृत्ति (क्लॉक) 750 किलोहर्ज

इसकी तुलना में सन् 2022 में जो इंटेल के माइक्रोप्रोसेसर आ रहे हैं  वे साधारण शब्दों में लगभग एक अरब गुणा अधिक क्षमता वाले हैं। बल्कि यह कहा जा सकता है कि उनमें इसके अतिरिक्त कुछ अन्य गुण भी हैं।

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