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सॉफ्टवेयर

सम्पादकीय

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2018

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हार्डवेयर का प्रयोग करने के लिए दिये गये आवश्यक निर्देशों को सरल भाषा में सॉफ्टवेयर कहते हैं

कम्प्यूटर के बौद्धिक अंग जैसे आपरेटिंग सिस्टम, ऐप्लीकेशन, डाटाबेस, मिडिलवेयर इत्यादि को सॉफ्टवेयर के नाम से जाना जाता है। तुलना के रूप में समझें तो मनुष्य की बुद्धि को मनुष्य का सॉफ्टवेयर कहा जा सकता है।

कम्पयूटर का हार्डवेयर अपने आप कुछ भी नहीं कर सकता है, परंतु यदि उसे किसी कार्य को करने के लिए आवश्यक निर्देश दिये जायें तो वह उन निर्देशों का पालन करते हुए मनोवाँछित फल दे सकता है। सॉफ्टवेयर में निहित निर्देश को उपयुक्त नियमों का पालन करते हुए लिखने और उसे सही क्रम में कम्प्यूटर के हार्डवेयर तक पहुँचाने की आवश्यकता कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर प्रोग्रामर की होती है। यदि इसमें कोई त्रुटि रह जाये अथवा इन नियमों का सही विधि से पालन न किया जाये तो अवांछित फल प्राप्त हो सकता है। इस प्रकार की त्रुटियाँ असावधानीवश अथवा कभी-कभी जानबूझकर (जैसे वायरस प्रोग्राम आदि) भी हो सकती है।

सॉफ्टवेयर को मोटे तौर पर दो भागों में बाँटा जा सकता है। सॉफ्टवेयर के जिस भाग में निर्देश होते हैं उन्हें प्रोग्राम के नाम से जाना जाता है। साधारणतः इन निर्देशों का प्रयोग किसी आँकड़े पर किया जाता है। आप जानते हैं कि साधारणतः आँकड़ों को सारणी में प्रस्तुत करने पर उन्हें समझना सरल होता है। इस प्रकार सारणी में व्यवस्थित रूप से रखने पर उन्हें डाटा के नाम से जाना जाता है। सभी प्रोग्राम, डाटा का प्रयोग करते हुए उन पर गुणा-भाग या तुलनात्मक अध्ययन करके उनसे उपयोगी जानकारी का निर्माण करते हैं।

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